गजल - मनमोहन पाण्डे नादां बिजावर जिला छतरपुर म. प्र.
है बेमिसाल जनम भूमि ये हमारी है।हरेक कौम का हर शख्स इसपे वारी है।।
जहो मे जो नही वो इस जमी पे मिलता है।
तेल और धातुओ की यह कियारी है।।
है नही सानी जो मर्दानगी है भारत मे।
हुस्न मे लाजवाब भारतीय नारी है।।
है अगर धूमना जन्नत तो कशमीर चलो।
दिल्ली कोलकत्ता मुंबइ चेन्नइ दुलारी है।।
शायरी मौसुकी उर फलसफे मे अव्बल है।
हरेक मज्हबो से दोस्ती हमारी है।।
दरिया पुरआब है उर नूर फलक को छूते।
है परिदो से भरी मां तेरी बलिहारी है।।
खूबिया इसकी बयां कर नही सकता नादां।
हमारे देश की धरती ही सबसे प्यारी है।।
..........मनमोहन पाण्डे नादां बिजावर जिला छतरपुर म. प्र.
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