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रविवार, 9 जून 2013

बेटी है तो कल है- कविता- D D Tiwari tikamgarh


बेटी है तो कल है-कविता.....दीनदयाल तिवारी बेताल टीकमगढ म.प्र.

बेटा  से  बेटी  भली  दो  कुलो  का    रखती   मान।
वही आज अभिशाप बनी बेटो का गाते गुनगान।।
जिस    धर   मे   बेटी    नही   हुआ    कन्यादान ।
उस   धर   मे   श्रेय   नही  ऐसा कहते वेद पुराण।।
और दान   सब   छोटे है   सबसे   बढा  कन्यादान।
वही आज अभिशाप  बनी  बेटो का गाते गुनगान।।
मां बाप    के   कष्टो   को   बेटी  कभी   न सह सके।
बेटे    आना   कानी  करते उनकी ओर न देख सके।।
शकित   स्वरुपा कन्या को देना आज खूब सम्मान।
वही आज   अभिशाप   बनी बेटो का गाते गुनगान।।
बेटी   को आज  बचाना  है  सबको  यही  बताना  है।
भेद   भाव   को   छोडकर  बदलाव मन मे लाना हे।।
बेटी   है तो   कल है   बेताल    इसका  करते बखान।
वही  आज   अभिशाप  बनी बेटो का गाते गुनगान।।
                      ...दीनदयाल तिवारी बेताल टीकमगढ म. प्र.

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