टीकमगढ गाथा
जय जय टीकमगढ की धरणी,वेद शास्त्र मे वरणी।
कनक भवन है अवधपुरी मे,
टीकमगढ स्मरणी,
वेत्रवती कलि गंगाधरा,
राम जहां वैतरणी..जय जय..
अवधपुरी सौ नगर ओरछा,
कमला तू की करणी
द्वापर मे कुण्डेश्वर धाए,
उषा सेवा चरणी...जय...जय..
प्रथम वीर सिह के बेटा
न हरदौल बिसरणी,
वीरसिह जू देव दिल्ली मे
झामा आग नजरनी... जय...जय..
बुन्देलखण्ड बुन्देल बानी,
भाउ तुमे सुमरणी...जय...जय...
गुलाब सिह यादव भाउ ग्राम लखौरा टीकमगढ
आकांक्षा 2013/58
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