राजीव नामदेव 'राना लिधौरी,टीकमगढ़़ (म.प्र.)
बाल लघुकथा-''बच्ची और पालीथिन
एक बार जब मैं शाम को अपने घर वापिस आया,तो देखा कि घर के सामने गली में मेरी नौ वर्षीय बच्ची पालीथिन(पन्नी) की थैलियाँ बीन-बीनकर इकटठा कर रही थीं मुझे यह देख, कि बह कचरे में खेल रही है बहुत गुस्सा आया,मैंने उसे बुलाकर खूब डाटते हुए कहा कि- तुम्हें शर्म नहीं आती, यहाँ कचरे में इन गंदी पालीथिन के साथ खेल रही हो।
बच्ची ने बहुत ही मासूमियत से जबाब दिया कि- हमारे स्कूल में कल पर्यावरण पर केनिद्रत सगोष्ठी हुर्इ थीं जिसमें मुख्य अतिथि ने हम बच्चों से कहा था कि -हमें पालीथिन का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे हमें एवं प्रकृति को बहुत नुकसान हो रहा है और सबसे ज्यादा नुकसान तो गाय,भैस आदि पशुओं को हो रहा है, जो इन पालीथिन को खाकर मर रहे हैं। हमें पर्यावरण की सुरक्षा करनी चाहिए इसके लिए हमें पालीथिन के स्थान पर कागज के पैकेट या कपड़ों के थैले उपयोग करने चाहिए यदि पालीथिन का हम उपयोग कर रहे हंै तो उसे उपयोग करने के बाद उन्हें इकटठा करके जलाकर नष्ट कर देना चाहिए। इसलिएए मैं इन पालीथिनों को इकटठा कर रही थीं।
बच्ची का जबाब सुनकर मैं बहुत शमिन्दा हुआ। सोचा मैंने बेकार में ही उसे डाँट दिया वह तो अच्छा काम कर नहीं थीं। किसी न किसी को तो पहल करनी ही होगी, फिर चाहे वह एक छोटी बच्ची ही क्यों न हो।
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी,टीकमगढ़़ (म.प्र.)
बाल लघुकथा-''बच्ची और पालीथिन
एक बार जब मैं शाम को अपने घर वापिस आया,तो देखा कि घर के सामने गली में मेरी नौ वर्षीय बच्ची पालीथिन(पन्नी) की थैलियाँ बीन-बीनकर इकटठा कर रही थीं मुझे यह देख, कि बह कचरे में खेल रही है बहुत गुस्सा आया,मैंने उसे बुलाकर खूब डाटते हुए कहा कि- तुम्हें शर्म नहीं आती, यहाँ कचरे में इन गंदी पालीथिन के साथ खेल रही हो।
बच्ची ने बहुत ही मासूमियत से जबाब दिया कि- हमारे स्कूल में कल पर्यावरण पर केनिद्रत सगोष्ठी हुर्इ थीं जिसमें मुख्य अतिथि ने हम बच्चों से कहा था कि -हमें पालीथिन का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे हमें एवं प्रकृति को बहुत नुकसान हो रहा है और सबसे ज्यादा नुकसान तो गाय,भैस आदि पशुओं को हो रहा है, जो इन पालीथिन को खाकर मर रहे हैं। हमें पर्यावरण की सुरक्षा करनी चाहिए इसके लिए हमें पालीथिन के स्थान पर कागज के पैकेट या कपड़ों के थैले उपयोग करने चाहिए यदि पालीथिन का हम उपयोग कर रहे हंै तो उसे उपयोग करने के बाद उन्हें इकटठा करके जलाकर नष्ट कर देना चाहिए। इसलिएए मैं इन पालीथिनों को इकटठा कर रही थीं।
बच्ची का जबाब सुनकर मैं बहुत शमिन्दा हुआ। सोचा मैंने बेकार में ही उसे डाँट दिया वह तो अच्छा काम कर नहीं थीं। किसी न किसी को तो पहल करनी ही होगी, फिर चाहे वह एक छोटी बच्ची ही क्यों न हो।
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी,टीकमगढ़़ (म.प्र.)
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