कविता - इंतजार
वो आदमी हैजिसकी आखे, पथरा गइ है
तुम्हारे वायदो का
इंतजार करते करते
और
हाथो मे छाले पड गए है
खदानो मे काम करते करते
पर तुम नही आए
उसे राहत देने को
अब आए तो, पाच वर्ष बाद
पुन
भिखारी बनकर
वोट की खातिर।।
सियाराम अहिरवार टीकमगढ
आकांक्षा एक सम्पूर्ण साहित्यिक पत्रिका है जो मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ द्वारा प्रकाशित जिले की एक मात्र साहित्यिक पत्रिका है इस पत्रिका मे साहित्य की सभी विधा जैसे हायकू, गीत, गजल, व्यंग्य, कविताएँ, भजन, लघुकथा, आलेख आदि को शामिल किया जाता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें