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शनिवार, 8 जून 2013

कविता - इंतजार---- siyaram ahirwar tikamgarh



  कविता - इंतजार

     वो आदमी है
     जिसकी आखे, पथरा गइ है
     तुम्हारे वायदो का
     इंतजार करते करते
     और
     हाथो मे छाले पड गए है
     खदानो मे काम करते करते
     पर तुम नही आए
     उसे राहत देने को
     अब आए तो, पाच वर्ष बाद
     पुन
     भिखारी बनकर
     वोट की खातिर।।
          सियाराम अहिरवार टीकमगढ


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